Shodashi Secrets
Wiki Article
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥
देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥
Goddess Shodashi is usually affiliated with attractiveness, and chanting her mantra evokes interior elegance and self-acceptance. This profit encourages individuals to embrace their genuine selves and cultivate self-self-confidence, serving to them radiate positivity and grace of their everyday lives.
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం ఐం సౌ: ఓం హ్రీం శ్రీం క ఎ ఐ ల హ్రీం హ స క హ ల హ్రీం స క ల హ్రీం సౌ: ఐం క్లీం హ్రీం శ్రీం
It's drive that turns the wheel of karma, Which holds us in duality. It can be Shodashi who epitomizes the burning and sublimation of these needs. It's she who lets the Performing out of outdated karmic patterns, resulting in emancipation and soul liberty.
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
Shodashi’s impact encourages instinct, assisting devotees accessibility their interior knowledge and establish have faith in of their instincts. Chanting her click here mantra strengthens intuitive qualities, guiding persons towards decisions aligned with their maximum very good.
The worship of Goddess Lalita is intricately connected While using the pursuit of equally worldly pleasures and spiritual emancipation.
Shodashi also means sixteen and the perception is on the age of sixteen the physical human body of the human being attains perfection. Deterioration sets in immediately after sixteen several years.